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छत्तीसगढ़ में आंदोलनों की लहर, अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा

छत्तीसगढ़ में आंदोलनों की लहर,अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा

रायपुरछत्तीसगढ़ में कर्मचारी संगठनों के आंदोलनों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। एनएचएम कर्मियों की हड़ताल के बाद अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं (Aanganwadi protest) ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। नवा रायपुर के तुता प्रदर्शन स्थल पर आज हजारों महिलाएं एकत्र हुईं। प्रदेश के कोने-कोने से पहुंची ये कार्यकर्ता अपनी लंबित मांगों को लेकर जमकर नारा लगाया । आंदोलन के अंत में एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने कार्यक्रम समाप्त किया लेकिन चेतावनी साफ दी दिवाली से पहले मांगें पूरी न हुईं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए तैयार रहें।

नवा रायपुर के तुता क्षेत्र में सुबह से ही नारे गूंजने लगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- सहायिका संयुक्त मंच के बैनर तले यह धरना आयोजित हुआ। संगठन के अनुसार, प्रदेशभर के 33 जिलों से करीब 50 हजार से अधिक कार्यकर्ता और सहायकाएं यहां पहुंचीं। हाथों में तख्तियां थामे, ये महिलाएं गैर-विभागीय कामों के बोझ, अपर्याप्त मानदेय और डिजिटल सुविधाओं की कमी से त्रस्त हैं। एक कार्यकर्ता ने बताया “हमारा काम बच्चों का भविष्य संवारना है, लेकिन सरकार हमें सर्वे और चुनावी ड्यूटी में उलझा रही है।

एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में 14 सूत्रीय मांगें शामिल हैं। मुख्य मांगों में कर्मचारी दर्जा, पेंशन और ग्रेच्युटी, साथ ही मानदेय को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹20,000 करने की बात है। गैर-विभागीय कार्यों से मुक्ति, डिजिटल सहायता (मोबाइल, टैबलेट, इंटरनेट) और नियमित प्रशिक्षण व सुरक्षा उपाय भी शामिल हैं। ये मांगे कार्यकर्ताओं की बेहतर जिंदगी और कामकाज के लिए जरूरी बताई गईं।संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “हम लंबे समय से कर्मचारी दर्जा, पेंशन सुविधा और वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं। सितंबर तक की पिछली हड़ताल में कुछ वादे हुए,लेकिन ज्यादातर अधूरे हैं। अब और इंतजार नहीं।” प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने अपनी परेशानियां बतायीं की कभी बिना इंटरनेट के ऑनलाइन रिपोर्टिंग की मजबूरी, तो कभी हर महीने 5 तारीख तक मानदेय न मिलने की परेशानी।

संगठन ने स्पष्ट कहा कि यदि इस दिवाली तक इन मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठा, तो वे काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। इससे लाखों बच्चों का पोषण और टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित हो सकता है। यह आंदोलन छत्तीसगढ़ के कर्मचारी आंदोलनों की कड़ी का हिस्सा है। पिछले कुछ महीनों में विभिन्न विभागों के संगठन सड़क पर उतरे हैं, जिनमें एनएचएम कर्मचारी, मितानिन दिव्यांग जन समेत कई नाम शामिल है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का यह आंदोलन सबसे बड़ा है, क्योंकि यह सीधे लाखों महिलाओं और बच्चों से जुड़ा है।

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