मुंगेली/जरहागांव
गजेन्द्र कुमार जायसवाल....
जिसने तुझे जन्म दिया रे ,दिल उसका तू नहीं दुखाना।
दिन रात तुझे तेरी मां ने बाहों में,पलकों में तुझे झुलाया।
गीले में खुद सोई, सूखे में तुझे सुलाया।
तू कोई भी दुख देकर मां को कभी ना रुलाना।
मां बाप से बढ़कर जग में कोई दूजा नहीं खजाना।
जिसने तुझे जन्म दिया रे उसका दिल कभी ना दुखाना।।
मां बाप के शरण से बढ़ाकर कोई स्वर्ग नहीं है दूजा। कर ले मां-बाप की पूजा।
भगवान की मंदिर मिले तो चले जाना। पर मां बाप को कभी ना भूलना।।
मां बाप के चरणो से बढ़कर कोई स्वर्ग नहीं है दूजा।
इस जन्म मरण से मां बाप की सेवा कर, जन्म सफल बनाना।।
मां बाप से बढ़कर जग में कोई दूजा नहीं खजाना। जिसने तुझे जन्म दिया रे,दिल उसका नहीं दुखाना।।
मां बाप की सेवा ही ईश्वर का सेवा है इसलिए आप सभी से मेरा करबद्ध प्रार्थना है,कि किसी भी हाल में अपने कर्तव्यों का, धर्म का सही तरीके से पालन करें।
आज मदर्स डे पर आप सभी संकल्प लेकर अपने मां-बाप की सहारा बने।।
मां बाप की सेवा यदि सभी बेटा करने लगे, तो कहीं भी वृद्धा आश्रम नहीं दिखेगा। वृद्धा आश्रम में मानव कल्याण के लिए लोग दान करते हैं पर खुद की मां बाप के लिए सेवा करने से कतराते हैं। क्योंकि लोगों को वृद्धा आश्रम में सेल्फी लेने में मजा आता है। घर में सेल्फी लो आत्मीय मजा आएगा।।।
मां बाप की सेवा कर अपने जीवन को कृतार्थ करें, इन्हीं आशाओं के साथ आप सभी को समर्पित है यह कविता..........
इस कविता को लिखने में आत्मीय शांति मिली है, साथ ही यह दिल को गहराईयों को छू देने वाली कविता है।हम सभी को घर परिवार के साथ मानव जीवन को कृतार्थ करने के लिए सभी को मां बाप का सेवा करना चाहिए।।
यदि निरंतर मां बाप की सेवा मानव जाति करते रहता तो आज मदर्स डे याद करने वाली कोई दिन नहीं बनता।।। जिस माता ने 9 माह तक कोख में पाल कर जन्म देता है, उस पल को शायद आज मानव जाति भूलने का प्रयास कर रहा है। मां के जन्म के समय उस दर्द को, उस पल को सभी को याद करना चाहिए।जिस माँ ने अपना खून एक-एक कतरा सिचकर, कोख में रखकर जन्म देता है । मेरा नमन उन समस्त माताओं को जो इस पृथ्वी का संचालन करने में अपना विशेष योगदान दिए हैं।
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