जलजीवन मिशन कार्य प्रगति पर,इसके बाद भी पेयजल के लिए जुझ रहे हैं ग्रामीण...
बिलासपुर// आपको बता दें जल जीवन मिशन की परिकल्पना 2024 तक ग्रामीण भारत के सभी घरों में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने की रही है। जिसके लिए प्रदेशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकेदारी के माध्यम से हर घर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने पाईप लाईन बिछाई जा रही है। वहीं जरूरत के अनुसार गांव-गांव में पानी टंकी का निर्माण कराया जा रहा है। कहीं कहीं का पिने योग्य नहीं होने पर पाईप लाईन के माध्यम से दूसरे जगह से पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। यदि शासन के मंशानुरूप कार्य हो तो वाकई में हर घर में शुद्ध पेयजल की की जा सकती है,परंतु जिस तरिके से क्षेत्र में काम हो रहा है वैसा ही काम चलता रहा तो शासन की मंशा धरी की धरी रह जायेगी। क्योंकि क्षेत्र में देखा जाए तो जलजीवन मिशन का कार्य “आगे पाट पिछे सपाट” जैसे कहावत को स्पष्ट करते नजर आ रही है।
बात करे बिलासपुर जिले की तो उक्त जिले में बिल्हा, मस्तुरी, तखतपुर, बेलतरा सहित कोटा विधानसभा शामिल है जिनमें ऐसा कोई गांव नहीं है जहाँ शासन की मंशानुरूप हर घर जल उपलब्ध कराई जा रही हो। यही हाल बिलासपुर से लगे मुंगेली जिले की है। हालांकि गांव में जलजीवन के तहत् गलियों में पाईप लाईन बिछाई गई है परंतु पानी सप्लाई नहीं होने के कारण टोटियों के गले तक पानी नहीं पहुंच पा रही। इस संबंध में अधिकारियों से पुछे जाने पर कार्य प्रगति पर होने की जानकारी दी जाती है। लेकिन कछुआ चाल से चल रहा निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो पायेगा इसकी कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। इसकी वजह से कई जगहों के ठेकेदार कार्य छोड़कर लम्बे समय से गायब है। जिसकी जानकारी होने के बाद भी संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पा रही है जिसके चलते इनके हौसले बुलंद हैं। और आधे अधूरे कार्य कराकर गलत तरिके से राशि आहरण करने के फिराक में लगे रहते हैं।
अभी फिलहाल लोकसभा चुनाव के चलते सभी अधिकारी कर्मचारी व्यस्त हैं जिसके चलते मानिटरिंग भी नहीं हो पा रही है। चूंकि उक्त योजना केन्द्र शासन की है और हाल में केन्द्र व राज्य में बीजेपी की सत्ता है। तो कयास लगाये जा रहें हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद शासन लापरवाह अधिकारी कर्मचारी व संबंधित ठेकेदार को लेकर बड़े फैसले ले सकती है।
करोड़ों खर्च के बाद भी पेयजल की समस्या बरकरार
गांवों में जलजीवन मिशन के तहत पानी टंकी का निर्माण कराया गया है, वहीं पाईप लाईन भी बिछाई गई है परंतु अव्यवस्था के चलते कहीं टंकी से तो कहीं पाईप लाईन से पानी की सप्लाई बाधित है। जिसकी वजह से लोगों को घर तक पर्याप्त पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
हर साल बोर खनन व मरम्मत के नाम पर लाखों खर्च
प्रतिवर्ष ग्राम पंचायतों के माध्यम से संबंधित सरपंच सचिव लाखों रूपये आहरण करते हैं। परंतु इसके बाद भी ग्रामीणों को पेयजल व निस्तारी लिए जुझना पड़ रहा है। यदि सही तरिके से राशियों का उपयोग किया जाए तो पेयजलापूर्ति निरंतर किया जा सकता है।
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